प्रदेश के किसानों की हालत नाजुक बनी हुई है
विगत 5 सालो से फसल न होने से किसानों का कर्ज दिनों दिन बढ़ता का रहा है।किसान एक कर्ज चुकाने के लिए दूसरा कर्ज कर रहा है।
हालात यह है कि प्रदेश में किसान कर्ज से परेशान होकर आत्मा हत्या करने को मजबूर हो गए है।
किसान अब मजदुर बन गया है
जिस किसान के पास 10 एकड़ जमीन हुआ करती थी आज वह किसान मजदूर के रूप में दूसरे के खेत मैं मजदूरी कर रहा है।किसान ने कर्ज मैं आकार अपनी जमीन बेच दी है।किसान अब मजदुर की तरह जी रहा है।
51 लाख किसान की यहॉ हालात रही तो बन जायेंगे सारे मजदूर
किसान की हालत प्रदेश में नही सुधरी तो किसान अब किसान नही रह पायेगा।किसान को बचाना हो तो किसान पर सरकार को ध्यान देना होगा,वरना देश की किसानी खतरे में है।
हालात पर ध्यान नही दिए गए तो किसानी खतरे में आ जायेगी
किसान और किसानी दोनों खतरे में है ,अगर किसान को नही बचाया तो किसानी भी नही बचेगी।किसान बचाओ किसानी बचाओ
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