*हरदा का किसान अपना दुःख किसे बताये*
शान्तिकुमार जैसानी
हरदा के किसानों के साथ धब्बा मजाक किया गया,एवं बड़े राजनेतिक संगठन चुप चाप रहे।
किसानों को 12 रुपया बिमा दिया गया एवं उनसे प्रीमियम हजारो मैं काटा गया।
किसान के साथ इतना बड़ा मजाक पर कोई बोलने को तैयार नही।
किसान अपनी जीवन की पूरी पूंजी खेती मैं लगा देता है और उसके बाद मैं उसकी फसल लहलाहती है।अपनी पूरी जमां पूंजी के साथ वह झोखिम उठाता है।
किसान को बीमे से बड़ी उम्मीद था,सोचा था बड़े रसूक वालो का कर्ज बीमे से मिली राशि से चुकायेगा किसान।
पर
सरकार ने किसान की एक न सुनी और सुना दिया तुकल्कि फरमान के रूप मैं 12 रुपया जैसे बिमा राशि दी गई।
नोट *करीब हरदा के ऐसे ग्राम है जिन्हें बीमे के रूप मे 1 रुपया तक नही दिया गया है*
विशेष नोट *हरदा मैं सभी ग्राम के किसानों।को बिमा मिलना चाहिए था*
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