हरदा को अब बचाना पड़ेगा
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हरदा को मखनबाजो ने काबू मैं कर लिया है ।
हरदा मैं मखनबाजो की तादात दिनों दिन बढ़ती जा रही है।
हरदा मैं पीठ पीछे वार होने लगे है ।
लोग आज कल कान के कच्चे हो गए है ।
अपने फायदे के लिए दूसरे का बड़ा नुकसान करने मैं भी नही चूकते।
झुंड मैं मिलकर किसी पर भी वार करते है ।
अब हरदा हरदा नही बचा ।
अब तो हरदा मैं किस पर विश्वास करे यही किसी को समज नहीं आता।
हरदा हरिद्वार था पता नहीं किस की नजर लग गई है ।
हमारे हरदा को बचाओ।
Sahi kaha aap ne
ReplyDeleteधन्यवाद्
ReplyDeleteधन्यवाद्
ReplyDeleteहरदा ह्रदय नगरी हुआ करती थी। सच में नज़र लग गयी हरदा को । गट बनाकर धमकिया छेड़छाडी और लूट पाट की घटनाएँ
ReplyDeleteइसका सजीव उदाहरण है ।
दुकानदारो द्वारा मोनोपोली चलाकर मनमाने दाम में अपना सामान जो ग्राहक की मजबूरी की आड़ में बेचा जारहा है वो आम जनता के लिए दुःख दयाक है । पर क्या करे साब मजबुरी है । लेना पड़ता है । और काम ना आने पर वापसी की भी ऐसी स्तिथि की या तो दूसरा सामान लो या प्रतिशत कटवा कर लेन देन खारिज़ करो । मजबूरी का नाम ही है कुछ ऐसा । क्या करे । सुधार की आवश्यकता है
ReplyDeleteRight
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